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लोहारी राघो मनरेगा घोटाले में ग्राम सचिव भी सस्पेंड, जानें अब अगला नंबर किसका ?





लोहारी राघो मनरेगा घोटाले में ग्राम सचिव भी सस्पेंड, जानें अब अगला नंबर किसका ?

ग्राम सचिव राजू के निलंबन आदेश
लोहारी राघो मनरेगा घोटाले में अब ग्राम सचिव भी सस्पेंड, मनदीप को मिला ग्राम सचिव का कार्यभार

7 नवंबर 2019, 2:17 PM
हिसार/नारनौंद। लोहारी राघो मनरेगा घोटाले के मामले में सरपंच चंद्रकांता चांदना के निलंबन के बाद जिला प्रशासन ने अब सख्त कार्रवाई करते हुए ग्राम सचिव राजू को भी सस्पेंड कर दिया है। उनके स्थान पर अब मनदीप कुमार को लोहारी राघो के ग्राम सचिव का कार्यभार सौंपा गया है। 6.13 लाख से भी अधिक इस मनरेगा मजदूरी घोटाले में जांच युद्धस्तर पर जारी है। घोटाले में अभी मनरेगा मेटों व कई और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। फर्जी मजदूरों द्वारा डकारी गई मजदूरी की रिकवरी के बारे में अभी कोई सपष्ट निर्देश नहीं हैं। नारनौंद बीडीपीओ ने बताया कि मजदूरी की रिकवरी किससे की जानी है, अभी तक उनके पास कोई निर्देश नहीं हैं लेकिन रिकवरी हर हाल में की जाएगी व जो आरोपित होंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि आरटीआई के जरिए हुए खुलासे के बाद अनेक ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिसने इस लूट कांड के सभी आरोपितों की नींद उड़ा दी है। 6 लाख 13 हजार 129 रूपए के इस घोटाले में कई ऐसे पूंजीपतियों के नाम सामने आए हैं जो एक दिन भी मजदूरी पर नहीं गए जबकि घर बैठे उनकी उपस्थिति दर्ज की जाती रही। लिस्ट में उजागर हुए 51 फर्जी मजदूरों में से अनेक ऐसे कथित मजदूर भी शामिल हैं जिन्हें कस्सी को ठीक से पकड़ना तक नहीं आता, मजदूरी करना तो रही दूर की बात। आरोप है कि सरपंच ने कुछ भ्रष्ट पंचों व मेटों को सरकारी मलाई खिलाने के चक्कर में उन्हें इस कदर भ्रष्टाचार की खुली छूट दे दी थी कि वे बिना किसी डर के अपने चहेतों व जान पहचान के लोगों के जॉब कार्ड बनवाकर मजदूरी के पैसे की बंदरबांट करते रहे। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मेट मनोज पाहवा ने तो इस कदर लूट मचा डाली कि अपने  ही पिता व माँ के खाते में हजारों रूपए डलवा दिए। मेट के पिता हरीकृष्ण पाहवा के बैंक खाते में 30550 रूपए की रकम डाली गई है जबकि  उसकी मां राजरानी के बैंक खाते में 25253 रूपए डाले गए हैं।आरोप है कि राजरानी एक भी दिन काम पर नहीं गई है जबकि हरीकृष्ण पाहवा कभी-कभार इक्का-दुक्का मनरेगा साईट पर दिखाई दे जाता था। इसके अलावा कथित मजदूर कमलेश के खाते में 31863 रूपए तो चंद्र बोस के खाते में 30213 रूपए डाले गए हैं। एक शख्स ने तो यहां तक बताया कि मेट ने उससे आधार कार्ड व फोटो मांगा लेकिन उसे वजह नहीं बताई। उसे उस समय पता चला जब उसके बैंक खाते में कई दिनों की मजदूरी के पैसे डाल दिए गए जबकि वह न ही तो कभी काम पर गया और न ही उसने कभी मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन किया। इस फजीर्वाड़े का अहसास उसे उस समय हुआ जब मेट उससे पैसे की बंदरबांट करने के लिए आया। यदि समय रहते सरपंच ने मनरेगा की इस लूट पर सख्त एक्शन ले लिया होता तो न ही तो आज इतना बड़ा घोटाला होता और न ही उन्हें निलंबन जैसी कार्रवाई का शिकार होना पड़ता। मनरेगा लूट कांड की यह दास्तान अभी यहीं थमी नहीं है, अभी इसमें कई पेंच फंसे हैं। मामले की जांच अभी भी जारी है। और यदि पूरी तरह से निष्पक्ष व ईमानदारी से मामले की जांच हुई तो इस लूट कांड में लिप्त गांव के कई पंच, अधिकारी व मनरेगा मेट कानून के घेरे में दिखाई देंगे।

    lohari ragho manrega scam

जानें क्या है पूरा मामला
ग्रामीण संजय भयाना व कुलदीप सिंह ने 4 अगस्त 2017 को आरटीआई के माध्यम से गांव में मनरेगा स्कीम में काम करने वाले लोगों की सूची मांगी थी। सूचना में अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। खुलासा हुआ कि सरपंच ने मिलीभगत करके गर्भवती महिला, अपंग, नेत्रहीनों व अस्पताल में दाखिल लोगों को भी मनरेगा मजदूर दर्शा कर उनके खातों में लाखों रुपये जमा करवा दिए। ऐसे 51 लोग पाए गए। इसकी शिकायत जिला प्रशासन को मिली तो जिला परिषद के डिप्टी सीईओ से जांच करवाई गई। एडीसी ने 12 अप्रैल को जांच रिपोर्ट की कॉपी भेजकर को निर्देश दिए कि मामले में जिम्मेदार मनरेगा मेट, सरपंच, ग्राम सचिव व कार्य से संबंधित जेई के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करे और जिन 51 लोगों के खातों में 6 लाख 13 हजार से अधिक की राशि डाली गई है, उसकी रिकवरी की जाए। बार-बार कहने पर भी बीडीपीओ ने रिकवरी नहीं की तो एडीसी ने बीडीपीओ नारनौंद को 23 मई को दोबारा रिमाइंडर भेजकर कार्रवाई के लिए कहा गया। ग्रामीण मदन ने बताया कि 80 आदमी ऐसे हैं जो कभी मजदूरी करने नहीं गए लेकिन उसके खाते में पैसे आ रहे हैं। सूची में सैंकड़ों युवकों के नाम दिए गये है जिनमे से अधिकतर फर्जी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता संजय कुमार ने बताया कि मामले में लाखों रुपए की धांधली की गई है जिसका पूरा चिट्ठा उनके पास मौजूद है। उधर सरपंच चन्द्रकांता यह कहकर पल्ला झाड़ती रही कि विरोधी लोग मुझे काम नहीं करने देना चाहते।


इस तरह हुआ घोटाला,50-50 का चल रहा था खेल
सूत्रों की मानें तो इस घोटाले में 50-50 का खेल चल रहा था। यानि सरपंच ने अपने चमचों को फायदा पहुंचाने के लिए उनके मनरेगा जोब कार्ड बनवाए और फिर घर बैठे उनके खातों में मजदूरी की राशि डाली जाती रही। घोटाले में जिन 51 लोगों के नाम सामने आए हैं उनमें से अधिकतर तो एक दिन भी काम पर नहीं गए जबकि उनकी साईट पर हाजिरी दिखाई जाती रही। उनके मुताबिक 50 फीसद पैसा सरपंच व उसके चहेते पंच व मेट डकार रहे थे तो 50 फीसद पैसे फर्जी मजदूरों को रेवड़ियों की तरह बांटे जा रहे थे। एक ग्रामीण बताया कि वह कभी भी मनरेगा में मजदूरी करने नहीं गया, लेकिन सरपंच ने उसके खाते में पैसे भेज दिए। इसकी शिकायत उसने जांच करने आए अधिकारियों से भी की थी। वहीं गांव के पंच राजेश भ्याणा व जसवंत सहित अनेक पंचों ने भी न केवल सरपंच चंद्रकांता के गबन का खुलासा किया बिल्क घोटाले से संबंधित हर जांच में भरपूर साथ दिया। उन्होंने बताया कि वह सरपंच का काफी लंबे समय से विरोध कर रहे थे, लेकिन सरपंच ने भ्रष्टाचार में कसर नहीं छोड़ी।

जिस दिन महिला की डिलिवरी, उसी दिन मनरेगा में दिखाया काम
आरटीआई में सामने आया कि सरपंच ने मेट अजय कुमार व मेट मनोज पाहवा की मिलीभगत से बिना मजदूरी करवाए 51 लोगों के बैंक खातों में 6 लाख 13 हजार 129 रुपये डलवा दिए। वहीं एक महिला ने जिस दिन अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया, उसी दिन उसे मनरेगा में कार्य करता दिखाकर उसके बैंक खाते में पैसे भेजे गए। कई जगह मस्ट्रोल में कटिंग की हुई है और कई जगहों पर तो न हस्ताक्षर है, न अंगूठे के निशान।


अब राजनीतिक दबाव बनाकर मामले को दबाने की तैयारी
बताया यह भी जा रहा है कि इस मनरेगा लूट कांड में संलिप्त मलाई खाने वाले आरोपित राजनीतिक दबाव बनाकर इस पूरे के पूरे प्रकरण पर पर्दा डालने की फिराक में हैं। इसके लिए लूट कांड के आरोपितों ने भाजपा सरकार के कुछ राजनेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। लेकिन उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने लोहारी राघो सरपंच को निलंबित कर प्रदश के तमाम भ्रष्ट सरपंचों को सख्त संदेश दे दिया है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर बख्शने वाली नहीं है चाहे वह कितना भी बड़ा रसूखदार व राजनीतिक पहुंच वाला क्यों न हो। अब देखना यह है कि मनरेगा लूट कांड के आरोपितों की राजनेताओं के पीछे की यह दौड़ क्या गुल खिलाती है। क्या वे इस पूरे लूटकांड पर पर्दा डालने में कामयाब हो पाएंगे या फिर सरकार ईमानदारी से जांच कर इन भ्रष्ट मेटों व इसमें संप्ति अन्य अधिकारियों को जेल की सलाखों तक पहुंचाकर अन्य घूसखोर सरपंचों को भी सख्त संदेश देगी?

जानें किस फर्जी मजदूर के खाते में डाले गए कितने रूपए, आरटीआई ने खोल दी पोल
कथित मजदूर        पैसा डाला गया         जॉब कार्ड नंबर
कमलेश                   31863                    6415
हरीकृष्ण पाहवा        30550                   6584
चंद्रबोस                   30213                   6976
राज रानी                25253                    6584
प्रवीन                      23749                   24302
रविंद्र                        22080                  19092
सतीश                      21243                 18912
सीमा                      18641                   22022
सुमन                      21780                   6476
सतीश                      20029                  21975
प्रेम                         19820                  21934
सतीश                     19490                  29338
संतोष                     19086                   20067
दीपक                      18008                  6415
नीता                        16123                 29338
सुष्मा रानी               15686                6583
बोहती                      14526               21934
जग्गन                   14504                8064
रामकुमार               14504                8065
सुमन                     13365                 21975
गुरबख्श लाल         12838                2067
खरैती लाल             12804               24179
होशियारी               12217               6968
रोहित                    11586               19190
सतीश                   11407                24213
पतासो                  10878                 8065
चमेली                  10874                21934
पतासो                  दोबारा                8065
सतीश                  दाबारा               8065
बनासपति             10878              8064
अंगुरी                   9794                6439
ज्योति                 9324                24179
परविंद्र                 8567               6456
सुमन                  8083               24213
कृष्ण लाल            7306             29951
अनिल                6673              6710
मदन                5698                22030
सतीश               5698              6337
मुकेश                5324             6681
जयपाल            5065            22076
हरीश                  4601            6711
कैलाश               3734            6349
लक्ष्मी               3626            19229
विक्रमजीत         3626            19175
नरेश                 3626            19229
राजेंद्र                3626             6483
निशा                3626             6483
लाभ सिंह           3626            7972
जगतपाल           3367            22060
सोहन लाल        2072            22024

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