- हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से भी अधिक का हो रहा नुक्सान
- सिरसा में कपास निगम के डिप्टी डायरेक्टर मोहित शर्मा से मिलने पहुंचे किसानों ने भरी हुंकार
- निगम के डिप्टी डायरेक्टर को सौंपा ज्ञापन, डिप्टी डायरेक्टर ने मांगा पांच दिन का समय
- किसानों का दो टूक,मांग नहीं मानी तो छेड़ेंगे आंदोलन
- लोहारी राघो समेत आस-पास के इलाके में करीब 80 हजार एकड़ में की गई है कपास की बिजाई
सिरसा। मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु करवाने के लिए सिरसा में भारतीय कपास निगम के डिप्टी जनरल मैनेजर से मिलने पहुंचा किसानों का दल। तस्वीर :लोहारी राघो.कॉम |
सिरसा/लोहारी राघो। साहब ! मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु कर दो, नहीं तो हम गरीब मारे जाएंगे। (Government-to-start-government-procurement-of-cotton-in-Mandi-Lohari-Ragho-what-are-you-waiting-for) कुछ तो पहले ही कपास की फसल को बीमारी खा गई और बची-खुची कमर अब कपास के रेट तोड़ देंगे। अगर इस बार भी मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु नहीं हुई तो पिछले सालों की तरह हम आढ़तियों को कपास बेचने पर मजबूर होंगे और पूर्व की भांति ही हमारा शोषण जारी रहेगा। हमें सरकारी रेट की बजाय ओने-पौने दामों में कपास बेचनी पड़ेगी जिससे हमें पहले की तरह ही बहुत ज्यादा नुक्सान होगा। यदि इस बार भी हमारी माँग ना मानी गई तो हमें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्त्यिार करना पड़ेगा। भारतीय कपास निगम के डिप्टी जनरल मैनेजर(मार्केटिंग) मोहित शर्मा से यह गुहार लगा रहे थे गाँव लोहारी राघो से आए किसान। किसानों के इस दल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला। भारतीय कपास निगम के डिप्टी जनरल मैनेजर मोहित शर्मा के साथ बातचीत में गाँव लोहारी राघो के किसानों ने अपनी पूरी व्यथा कह सुनाई। उन्होंने किसानों की बात को गौर से सुना और पांच दिन का समय मांगा। किसानों ने भी चेतावनी दे डाली कि अगर पांच दिन में हमारी माँग पूरी नहीं हुई तो हम इससे भी ज्यादा तादात में दोबारा पहुंचेंगे। अगर फिर भी बात नहीं बनी तो मजबूरन हमें आंदोलन छेड़ना पड़ेगा। किसानों का कहना था कि अब बहुत हो गया, सरकार हमारा शोषण करवाना बंद करे और मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु करवाए ताकि हमें मजबूरन प्राइवेट खरीदारों को कपास न बेचनी पड़े। कपास निगम के डिप्टी डायरेकटर से मिलने आए किसानों के इस दल में गाँव लोहारी राघो से सतीश चावला, मदन बुधराजा, मुंशीराम कम्बोज, बनारसी दास प्रधान, इंद्रजीत कम्बोज, प्रकाश कम्बोज, हुक्मचंद कम्बोज,नंदलाल बावरी, रमेश पुत्र रामचंद कम्बोज, रामधारी, वेदप्रकाश जांगड़ा व बग्गू कम्बोज समेत अनेक किसान शामिल रहे।
पीएम व सीएम बताएं, क्या ऐसे दोगुनी होगी किसानों की आय ?
हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से भी अधिक का हो रहा नुक्सान
सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बार-बार किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करने के अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन किसान अपनी फसलों को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। चावला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से प ूछना चाहता हूं कि क्या ऐसे ही बढ़ेगी किसानों की आय? लोहारी राघो व आस-पास के गाँवों के हजारों कपास किसान पिछले कई सालों से व्यापारियों व आढ़तियों के शोषण का शिकार हो रहे हैं। कपास का इलाका होने के बावजूदा मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद न होने के कारण किसान 5725 रूपए(सरकारी मूल्य) की बजाए महज 4200 रूपए प्रति क्विंटल में कपास बेचने को मजबूर हैं। हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 रूपए व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से अधिक का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। तो क्या इसी तरह दोगुनी होगी किसानों की आय। सरकार किसानों का शोषण करना बंद करे और मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु करवाए ताकि किसानों को प्रति क्विंटल 1500 रूपए नुक्सान न उठाना पड़े।
50 गाँवों के करीब 3 लाख किसानों को होगा लाभ, बढेंगे रोजगार के अवसर
मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु हो जाने से न केवल इलाके में रोजगार के अवसर बढेंगे बल्कि इलाके के करीब 50 गांवों के 3 लाख किसानों को भी लाभ होगा। किसान सरकारी दाम पर कपास बेच पाएंगे और उन्हें व्यापारियों व आढ़तियों द्वारा की जा रही मनमानी व शोषण से भी छुटकारा मिलेगा।
80 हजार एकड़ में कपास की बिजाई, करीब 4 अरब का है कारोबार
सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला ने बताया कि इस बार गाँव लोहारी राघो समेत आस-पास के गाँवों में करीब 80 हजार एकड़ में कपास की बिजाई की गई है। तो इस बार इस इलाके में कपास की खरीद का 3.66 अरब से भी अधिक का कारोबार है। अकेले नारनौंद ब्लॉक के गाँवों में 13850 हेक्टेयर यानि 34625 एकड़ में कपास की बिजाई की गई है। मंडी लोहारी राघो के साथ ब्लॉक हांसी, बरवाला व उकलाना के भी कई गाँव लगते हैं। मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु हो जाने से नारनौंद ब्लॉक के अलावा हांसी, बरवाला व उकलाना ब्लॉकों के भी कई गाँवों की कपास बिक्री के लिए यहीं आएगी। सरकार द्वारा कपास की डायरेक्ट खरीद करने से न केवल इलाके के किसानों को कपास के उचित दाम मिलेंगे और उनका शोषण भी रूक जाएगा।
जानें पिछले 3 साल में अकेले नारनौंद के गाँवों में कितने एकड़ में हुई कपास बिजाई
नारनौंद मार्केट कमेटी से मिले आंकड़ों के अनुसार इस बार पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा रकबे पर कपास की बजाई की गई है। वर्ष 2020 में अकेले ब्लॉक नारनौंद इलाके के गाँवों में 13850 हेक्टेयर (34625 एकड़) में कपास की बिजाई की गई है जबकि गत वर्ष 2019 में 12700 हेक्टेयर(31750एकड़) व वर्ष 2018 में 12600 हेक्टेयर(31500 एकड़)में कपास की बिजाई की गई थी।