- गुस्साए किसानों ने सरकार व प्रशासन को दी चेतावनी
- व्यापारियों व आढ़तियों के चंगुल से छुटकारा दिलाए जाने की मांग
- बोले हम क्यों उठाएं प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से भी अधिक का नुक्सान
लोहारी राघो। पार्क में आयोजित बैठक के दौरान हुंकार भरते गाँव लोहारी राघो के किसान। |
लोहारी राघो.कॉम
लोहारी राघो। मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरू न किए जाने पर गाँव लोहारी राघो के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। (Lohari-Ragho-farmers-will-surround-the-office-of-Cotton-Corporation-of-India) गुस्साए किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि अन्य 11 केंद्रों के साथ मंडी लोहारी राघो में भी कपास की सरकारी खरीद शुरु न की गई तो वे सिरसा स्थित भारतीय कपास निगम कार्यालय का घेराव करेंगे जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी। यहां लोहारी राघो पार्क में आयोजित बैठक के दौरान किसानों ने दो टूक कहा कि अब बहुत हो गया, सरकार हमारा शोषण करवाना बंद करे और मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु करवाए ताकि हमें मजबूरन प्राइवेट खरीदारों को कपास न बेचनी पड़े। किसानों का कहना था कि अब वे किसी भी कीमत पर व्यापारियों व आढ़तियों द्वारा किया जा रहा शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे। बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान प्रकाश कम्बोज ने कहा कि मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद न होने से हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 रूपए व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से भी अधिक का नुक्सान हो रहा है। एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ किसान व्यापारियों व आढ़तियों को सस्ते दामों में कपास बेचने को मजबूर हैं। इस अवसर पर सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अन्य 11 खरीद केंद्रों के साथ ही मंडी लोहारी राघो में भी कपास की सरकारी खरीद शुरु की जाए, वरना किसान सिरसा में स्थित भारतीय कपास निगम कार्यालय का घेराव करेंगे और यह घेराव तब तक जारी रहेगा जब तक कि मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु नहीं हो जाती। बता दें कि इससे पूर्व गाँव लोहारी राघो के किसानों का एक दल सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला की अध्यक्षता में सिरसा में भारतीय कपास निगम के डिप्टी जनरल मैनेजर(मार्केटिंग) मोहित शर्मा से मिला था। इस मुलाकात के दौरान मोहित शर्मा ने किसानों को मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु करवाने के लिए पांच दिन का समय मांगा था लेकिन आज 15 दिन बीत जाने के बाद भी मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु नहीं हो पाई है। उस समय किसानों ने चेतावनी दी थी कि अगर हमारी माँग पूरी नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें आंदोलन छेड़ना पड़ेगा। इस अवसर पर सैकड़ों की तादात में किसान मौजूद रहे।
हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से भी अधिक का हो रहा नुक्सान
इस अवसर पर सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बार-बार किसानों की आय दोगुनी करने के दावे कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करने के अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन किसान अपनी फसलों को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। चावला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से प ूछना चाहता हूं कि क्या ऐसे ही बढ़ेगी किसानों की आय? लोहारी राघो व आस-पास के गाँवों के हजारों कपास किसान पिछले कई सालों से व्यापारियों व आढ़तियों के शोषण का शिकार हो रहे हैं। कपास का इलाका होने के बावजूदा मंडी लोहारी राघो में कपास की खरीद न होने के कारण किसान 5725 रूपए(सरकारी मूल्य कीबजाए महज 4200 रूपए प्रति क्विंटल में कपास बेचने को मजबूर हैं। हर किसान को प्रति क्विंटल 1500 रूपए व प्रति एकड़ 12 हजार रूपए से अधिक का नुक्सान न उठाना पड़ रहा है। तो क्या इसी तरह दोगुनी होगी किसानों की आय। सरकार किसानों का शोषण करना बंद करे और मंडी लोहारी राघो में कपासकी सरकारी खरीद शुरु करवाए ताकि किसासनों को प्रति क्विंटल 1500 रूपए तक नुक्सान न उठाना पड़े।
80 हजार एकड़ में कपास की बिजाई, करीब 4 अरब का है कारोबार
सर्वजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद किशोर चावला ने बताया कि इस बार गाँव लोहारी राघो समेत आस-पास के गाँवों में करीब 80 हजार एकड़ में कपास की बिजाई की गई है। तो इस बार इस इलाके में कपास की खरीद का 3.66 अरब से भी अधिक का कारोबार है। अकेले नारनौंद ब्लॉक के गाँवों में 13850 हेक्टेयर यानि 34625 एकड़ में कपास की बिजाई की गई है। मंडी लोहारी राघो के साथ ब्लॉक हांसी, बरवाला व उकलाना के भी कई गाँव लगते हैं। मंडी लोहारी राघो में कपास की सरकारी खरीद शुरु हो जाने से नारनौंद ब्लॉक के अलावा हांसी, बरवाला व उकलाना ब्लॉकों के भी कई गाँवों की कपास बिक्री के लिए यहीं आएगी। सरकार द्वारा कपास की डायरेक्ट खरीद करने से न केवल इलाके के किसानों को कपास के उचित दाम मिलेंगे और उनका शोषण भी रूक जाएगा।
जानें पिछले 3 साल में अकेले नारनौंद के गाँवों में कितने एकड़ में हुई कपास बिजाई
नारनौंद मार्केट कमेटी से मिले आंकड़ों के अनुसार इस बार पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा रकबे पर कपास की बजाई की गई है। वर्ष 2020 में अकेले ब्लॉक नारनौंद इलाके के गाँवों में 13850 हेक्टेयर (34625 एकड़) में कपास की बिजाई की गई है जबकि गत वर्ष 2019 में 12700 हेक्टेयर(31750एकड़) व वर्ष 2018 में 12600 हेक्टेयर(31500 एकड़)में कपास की बिजाई की गई थी।