Type Here to Get Search Results !

17वीं शताब्दी में यही टोपी पहनते थे लोहारी राघो के सूफी फकीर बाबा बख्शू शाह, पढें इस टोपी की दिलचस्प कहानी व देखें वीडियो


  • वर्ष 1807 में बाबा बख्शू शाह के चोला छोड़ने (देह त्यागने) के उपरांत आज तक भी परिजनों ने सहेजकर रखी है यह कैप 
  • बाबा बख्शू शाह की टोपी की अब हो चुकी है जर्जर हालत 

                                                                             लोहारी राघो.com
                                                                                       संदीप कम्बोज। प्रवीन खटक 
सूफी फकीर बाबा बख्शू शाह की 17वीं शताब्दी की टोपी 
लोहारी राघो। 17वीं शताब्दी में गाँव लोहारी राघो जैसे जंगली इलाके में रूहानियत व सूफीयत का डंका बजाने वाले फकीर बाबा बख्शू शाह की इस गाँव की मिट्टी से अनेक यादें जुड़ी हैं। (In the 17th century, the Sufi Fakir Baba Bakhshu Shah of Lohari Ragho wore the same hat.) बाबा बख्शू शाह की तपोभूमि रहे गाँव लोहारी राघो के जर्रे-जर्रे से रूहानियत की महक आती है। आज हम आपको बाबा बख्शू शाह से जुड़ी एक ऐसी दुर्लभ वस्तु का दर्शन करवाने जा रहे हैं जिसे स्वंय बाबा बख्शू शाह इस्तेमाल किया करते थे। यह दुर्लभ वस्तु है बाबा बख्शू शाह के सिर की टोपी। तस्वीर में व वीडियो में दिखाई दे रही भगवा रंग की यह वही टोपी है जिसे 17वीं शताब्दी में बाबा बख्शू शाह अपने सिर पर पहनते थे। यहाँ बता दें कि भगवा रंग हिंदू धर्म का प्रतीक है और बाबा बख्शू शाह ने गाँव बधावड़ स्थित हिंदू धर्म के संतों-साधुओं के डेरे में ही 17 साल तक घोर तपस्या की थी। इसलिए ही वे भगवा रंग की टोपी पहनते थे। वर्ष 1807 में रमजान के18वें दिन (18वें रोजे) बाबा बख्शू शाह अपनी देह को त्यागकर ज्योति जोत समा गए। बाबा बख्शू शाह के ज्योति जोत समाने के उपरांत बाबा के बेटे मोहम्मद अली ने इस टोपी को सहेजकर रख लिया था। तबसे लेकर आज तक इस टोपी को बाबा बख्शू शाह की पीढी दर पीढ़ी सहेजे हुए है। बाबा बख्शू शाह के बेटे मोहम्मद अली के उपरांत इस टोपी को बाबा बख्शू शाह के पोते नबीब बख्श के परिवार ने सुरक्षित रखा। तत्पश्चात 19वीं शताब्दी में यह टोपी बाबा बख्शू शाह के पड़पोते इमाम अली के परिवार के सुपुर्द रही। वर्ष 1947 में भारत-पाक विभाजन के समय इमाम अली इस टोपी को गाँव लोहारी राघे से अपने साथ पाकिस्तान ले गए और आज भी यह टोपी बाबा बख्शू शाह की पांचवीं  पीढ़ी असगर अली के परिवार के पाास सुरक्षित है। असगर अली बताते हैं कि वे बाबा बख्शू शाह की इस टोपी को जान से भी ज्यादा सहेजकर रखते हैं। हालांकि इस टोपी के कपड़े की हालत आज बहुत ज्यादा जर्जर हो चुकी है, इसलिए इसे अन्य कपड़े में लपेटकर सहेजा गया है ताकि इसके अंश टूटकर खंडित न हों। वीडियो में बाबा बख्शू शाह की टोपी के दर्शन करवा रहे ये बाबा की पांचवीं पीढ़ी असगर अली ही हैं।                                                 
                                   
यहाँ पढ़ें बाबा बख्शू शाह की इस टोपी का दिलचस्प किस्सा 
बाबा बख्शू शाह की पांचवीं पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले असगर अली बताते हैं कि उनके पिता इमाम अली व उनके भाई इस्लामद्दीन,निहाद मोहम्मद उर्फ निहातु (बाबा बख्शू शाह की चौथी पीढ़ी) वर्ष 1947 में गाँव लोहारी राघो से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला मुल्तान स्थित गाँव टिब्बा रावगढ़ आकर बस गए। वे अपने साथ बाबा बख्शू शाह की सबसे खूबसूरत यादगार के तौर पर उनके सिर की यही टोपी भी लाए थे। अब सवाल यह था कि यह टोपी रखेगा कौन। इस टोपी को सहेजकर रखने को लेकर इमाम अली व उनके भाईयों के बीच अक्सर विवाद हो जाता। इस टोपी को इमाम अली के परिवार के पास रखा गया था लेकिन बाबा बख्शू शाह की पीढ़ी के अन्य परिवार भी इस टोपी को रखना चाहते थे। एक दिन इस्लाद्दीन के परिवार के सदस्य इस टोपी को चुपके से चुरा ले गए। उन्होंने इस टोपी को अपने कच्चे मकान के अंदर ले जाकर रख दिया। बताते हैं कि एक दिन रात में इतनी भयानक बरसात आई कि वो कच्चा मकान ढ़ह गया और नाले के साथ में सटा होने के कारण सभी कच्ची र्इंटें व कमरे में रखा सारा सामान भी बरसात के पानी में बह गया। इस्लामद्दीन अपने परिजनों समेत बाहर सो रहे थे। बरसात थमने के बाद जब मकान को संभाला गया तो सिर्फ बाबा बख्शू शाह की इस टोपी को छोड़कर बाकि सारा सामान नाले में बह गया। यहाँ तक कि मकान की कच्ची र्इंटे भी  पानी के तेज बहाव में कुछ तो बह गई और शेष बची र्इंटें पिघल गई । तबसे लेकर यह टोपी अब इमाम अली के परिवार में उनके बेटे असगर अली के पास ही सुरक्षित है।            
 
यह भी पढ़ें
 
 
 
 
 
 
 
 
ऐतिहासिक गाँव लोहारी राघो का इतिहास, ताजा समाचार पढ़ने या लोहारी राघो से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए अभी लोगिन करें 

 https://www.lohariragho.in/ 

लोहारी राघो के यू-ट्यूब चैनल को ज्यादा से ज्यादा सब्सक्राईब करें  

https://www.youtube.com/channel/UChspBOwRmHW4ZGL3Px0rBeg

लोहारी राघो के फेसबुक ग्रुप को ज्वाईन करें  

https://www.facebook.com/groups/lohariragho

 लोहारी राघो को इंस्टाग्राम पर फोलो करें 

https://www.instagram.com/lohariragho/

लोहारी राघो को ट्वीटर पर फोलो करें

https://twitter.com/LohariRagho

लोहारी राघो को 
pinterest पर फोलो करें

https://in.pinterest.com/lohariragho/_saved/

लोहारी राघो के whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/KZgDG5UKNuB5Ke24EdeZnj

                                                    

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad