कैसे मारेंगे ‘मैदान’ जब खेल मैदान ही नहीं ?
- सरकारी स्कूल में बने अस्थाई खेल मैदान में कई बार अपने खर्चे से डलवा चुके मिट्टी
- खेल मैदान व खेल सुविधाओं को लेकर नेताओं व अफसरों के आगे गुहार लगाने के बावजूद भी कोई सहायता नहीं
- लोहारी राघो ग्राम पंचायत व गाँव में मौजूद अलग-अलग नेताओं के करीबियों ने भी नहीं ली सुध
- गाँव की होनहार खिलाड़ी प्रेरणा बड़गुजर का ‘खेलो इंडिया’ के लिए हो चुका है चयन
- खिलाड़ी बोले, इन्हें सिर्फ वोटों से मतलब, अब वोट मांगने आएंगे तब सिखाएंगे करारा सबक
लोहारी राघो। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित खेल मैदान में उगी बड़ी-बड़ी घास व झाड़ियाँ। |
लोहारी राघो। हरियाणा सरकार भले ही हिन्दुस्तान में सबसे बेहत्तर खेल नीति होने का दंभ भरती आ रही हो, लेकिन धरातल पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि यह हकीकत से कोसों दूर है। (Neither-sports-ground-no-sports-facilities-nor-sports-equipment-in-Lohari-Ragho) प्रदेश के गाँवों की अगर बात की जाए तो यहाँ खेलों को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं को निकालने के लिए सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है लेकिन अधिकारी हैं कि वे सरकार के सारे प्लान को चौपट करने में लगे हैं। गाँव-गाँव में खेल मैदान व व्यायामशालाएं बनाने का किया गया सरकार का दावा भी झूठा साबित होता दिखाई दे रहा है। यह स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता का ही नतीजा है कि सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद भी गाँवों में न ही तो खेल मैदान तैयार हो पा रहे हैं और न ही खिलाड़ियों को खेल सामग्री मिल पा रही है। अधिकतर गाँवों में तो खिलाड़ियों को अपने पैसों से खेल मैदान की मुरम्मत आदि करवानी पड़ रही है। ठीक ऐसी ही तस्वीर जिला हिसार के तहसील नारनौंद के गाँव लोहारी राघो की है। यहाँ न कोई खेल मैदान है और न ही कोई खेल संसाधन जिसके चलते खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए बड़ी परेशानियों का सामना कना पड़ रहा है। लोहारी राघो में खेल प्रतिभाओें की कोई कमी नहीं है। गाँव की स्पोटर्स स्टार योग चैंपियन प्रेरणा बड़गुजर का चयन खेलो इंडिया के लिए हुआ है। प्रेरणा बड़गुजर ने योग के क्षेत्र में अब तक राज्य स्तर पर तीन बार पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल कर गाँव लोहारी राघो का मान बढ़ाया है। गाँव के 70-80 खिलाड़ी पिछले कई साल से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित अस्थाई खेल मैदान पर रोजाना खेलों की प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन यह सिर्फ नाम का खेल मैदान है। सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। ऐसे में खेल प्रतिभाएं कैसे उभरकर निकलेंगी और कैसे बेहतर प्रदर्शन करेंगी। हालांकि गाँव के कई खिलाड़ी रेस प्रतियोगिताओं में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यह खिलाड़ी भी अपने पैसे खर्च कर अपने खेल को निखार रहे हैं। बाकी अन्य खेलों के लिए भी कोई मैदान नहीं है और न ही सुविधाएं। गाँव लोहारी राघो के खिलाड़ियों ने हल्का नारनौंद के जन प्रतिनिधियों,अलग-अलग दलों के नेताओं व गाँव लोहारी राघो में मौजूद नेताओं के ठेकेदारों (नजदीकियों) से गुहार लगाई है कि वे गाँव लोहारी राघो में आधुनिक खेल सुविधाओं से सुसज्जित खेल मैदान का निर्माण करवाकर खेल संसाधन मुहैया करवाएं, वरना लोहारी राघो के खिलाड़ी इस बार उन्हें चुनावों में करारा सबक सिखाएंगे। खिलाड़ियों का कहना है कि वे उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में बिल्कुल आने वाले नहीं हैं। चुनाव से पहले ही उनकी समस्या का समाधान करवाना होगा, बाद में तो सिवाय झूठे आश्वासन के कुछ नहीं मिलने वाला।
लोहारी राघो। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित खेल मैदान में उगी बड़ी-बड़ी घास व झाड़ियाँ। |
लोहारी राघो। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित खेल मैदान में उगी बड़ी-बड़ी घास व झाड़ियाँ। |
जगह-जगह पड़े हैं कंकर-पत्थर, उगी है बड़ी घास
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पिछे अस्थाई खेल मैदान तो है, लेकिन देखरेख नहीं किए जाने के कारण यह मैदान अपनी दुर्दशा का शिकार है। न यहाँ खेल संसाधन हैं और न ही प्रशिक्षक। इस अस्थाई खेल मैदान में जगह-जगह बड़ी-बड़ी घास उगी है, कहीं कंकर-पत्थर पड़े हैं तो कहीं झाड़ियां उग चुकी हैं। खेल मैदान व्यवस्थित न होने के कारण अब तक कई खिलाड़ी यहाँ चोटिल हो चुके हैं।
खेल मैदान को मुरम्मत की दरकार
गाँव के खिलाड़ी इस मैदान पर अब तक कई बार अपने पैसे से मिट्टी डलवा चुके हैं। मैदान को मुरम्मत की दरकार है। तकरीबन 5-6 लाख रुपए खेल मैदान की रिपेयरिंग व मैंटेनैंस के लिए तो 2-3 लाख रुपए खेल उपकरणों के लिए जरुरत है। खिलाड़ी इसके लिए कई सालों से गाँव लोहारी राघो सरपंच, ग्राम पंचों, गाँव के मौजिज लोगों, हल्के के अलग-अलग पार्टी के नेताओं व गाँव लोहारी राघो में मौजूद अलग-अलग नेताओं के नजदीकियों (जो आगामी चुनाव में सरपंच बनने के ख्वाब देख रहे हैं)समेत सभी के समक्ष ग्राउंड का समतलीकरण कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन किसी ने भी अब तक खिलाड़ियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया है।
खिलाड़ी बोले, इस बार वोट उसी को जो पहले करवाएगा खेल मैदान का काम
खिलाड़ी साधु सरोहा व राकेश ने बताया कि कई बार खिलाड़ियों से 200-200 रुपए एकत्रित करके ग्राउंड में मिट्टी डलवा चुके हैं। न ही तो आज तक पंचायत से कोई सहयोग मिला है और न ही अपने आप को नेता बताने वाले गाँव के किसी सफेदपोश से। वे बताते हैं कि वे खेल मैदान व खेल उपकरणों की समस्या को लेकर गाँव के सभी मौजिज लोगों व नेताओं के ठेकेदारों के पास जा चुके हैं लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। खिलाड़ियों का कहना है कि चुनावों के वक्त नेता और इनके ठेकेदार वोट मांगने आ जाते हैं लेकिन खिलाड़ियों की समस्याओं की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है। उन्होंने गाँव में सरपंच बनने का ख्वाब देख रहे उम्मीदवारों से भी कहा कि इस बार वोट उसी को दिया जाएगा जो गाँव में खेल मैदान का काम पूरा करवाने के साथ-साथ खेल उपकरण उपलब्ध करवाएगा। खिलाड़ियों ने सवाल उठाए कि गाँव लोहारी राघो से ब्लॉक समिति सदस्य भी है और जिला पार्षद भी। खेल व खिलाड़ियों पर इन दोनों ने ही ध्यान नहीं दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि इस बार के पंचायत चुनाव में जो खिलाड़ियों की समस्याओं का पहले समाधान करवाएगा, उसी को वोट दिया जाएगा।
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