- वर्ष 2005 के पंचायत चुनाव में 1475 वोटों से दी थी चंद्रकांता चांदना को पटखनी
लोहारी राघो। हरियाणा सरकार ने जहां पंचायतों में आधी आबादी के लिए 50 फीसद आरक्षण निर्धारित कर महिलाओं की चौधर को बढ़ाया है वहीं प्रदेश के कई गाँवों में कई साल पहले ही महिला सशक्तीकरण की इबारत लिख दी गई थी। (This-is-Sudesh-Saini-the-first-woman-sarpanch-of-Lohari-Ragho) इन्हीं में एक है जिला हिसार के तहसील नारनौंद अंतर्गत गाँव लोहारी राघो जहाँ वर्ष 2005 के पंचायत चुनाव में सुदेश सैनी ने गाँव की पहली महिला सरपंच होने का गौरव हासिल किया। गाँव लोहारी राघो में उससे पहले सरपंची की कुर्सी पर हमेशा पुरुष ही विराजमान रहे थे। लोहारी राघो के इतिहास में यह पहला मौका था जब सुदेश सैनी ने महज 36 साल की उम्र में गाँव की पहली महिला सरपंच बनकर इतिहास रचा था। वे लगातार 5 साल यानि जुलाई 2010 तक गाँव की सरपंच रहीं और ग्राम पंचायत का नेतृत्व किया। ग्राम सभा की मीटिंग से लेकर ग्राम पंचायत के सभी कार्यों को वे खुद ही देखती थी। हालांकि इस कार्य में पति सुरेश सैनी का भी सहयोग रहा लेकिन घर व खेत के कार्यों के साथ-साथ उन्होंने स्वंय आगे होकर गाँव की कमान को बेहतर तरीके से संभाला। गाँव लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी का क्या है जीवन परिचय, उन्होंने अपने कार्यकाल में गाँव में क्या करवाया विकास और क्यों यादगार रहेगा उनका कार्यकाल। बता रहे हैं विलेज ईरा के संपादक संदीप कम्बोज
1969 में जन्म, 19 फरवरी 1987 को लोहारी राघो में रखा पहला कदम
एक जनवरी 1969 को सफीदों निवासी जसवंत सिंह के घर जन्मी सुदेश सैनी ने कक्षा छठी तक की शिक्षा ग्रहण की। 18 साल बाद 19 फरवरी 1987 को गाँव लोहारी राघो निवासी टेकचंद सैनी के पुत्र सुरेश सैनी के साथ विवाह बंधन में बंधने के बाद वह पहला दिन था जब सुदेश सैनी ने गाँव लोहारी राघो में पहली बार कदम रखा था। उस समय सुदेश सैनी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस गाँव में वो बहु बनकर आई हैं, एक दिन यहाँँ की प्रथम नागरिक भी बनेंगी।
लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी अपने परिवार के साथ |
चंद्रकांता चांदना को 1475 वोटों से हरा पहना था पहली महिला सरपंच का ताज
अप्रैल 2005 में पंचायत चुनाव के दौरान गाँव लोहारी राघो में सरपंच पद महिला के लिए रिजर्व किया गया था। इस चुनाव में सुदेश सैनी भी पर्चा दाखिल कर चुनाव मैदान में थी। सरपंच चुनाव का यह मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प था क्योंकि मुकाबले में उम्मीदवार थी चंद्रकांता चांदना। देर शाम जब नतीजे आए तो सभी चौंक गए। सुदेश सैनी ने चंद्रकांता चांदना को रिकॉर्ड 1475 वोटों से हराकर लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच होने का गौरव अपने नाम कर लिया।
ग्राम सभा की मीटिंग में भाग लेती लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी। |
वर्ष 2000 में पति सुरेश सैनी ने भी लड़ा था सरपंच चुनाव
यहाँ बता दें कि गाँव लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी के पति सुरेश सैनी जो कि वर्ष 2002 से ही नारनौंद तहसील में स्टांप विक्रेता हैं, ने भी वर्ष 2000 के पंचायत चुनाव में सरपंच पद का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सुरेश सैनी के मुकाबले में थे सरदार ध्यान सिंह। लेकिन इस चुनाव में सुरेश सैनी जीत का सेहरा नहीं बांध पाए थे।
ग्राम सभा की मीटिंग में भाग लेती लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी। |
बहुत कम ग्रांट में भी करवाए ताबड़तोड़ विकास कार्य, बुस्टिंग स्टेशन से हल हुई पेयजल समस्या
सरपंच सुदेश सैनी के मुताबिक उनके कार्यकाल में गाँव के विकास के लिए बहुत कम ही ग्रांट मिलती थी। मात्र 25 लाख रुपए। अब इतनी रकम में गाँव का क्या विकास हो सकता है। फिर भी हमने गाँव में ताबड़तोड़ विकास कार्य करवाए। जब मैंने कार्यकाल संभाला था, उस समय गाँव की अधिकतर गलियों, नालियोें की दशा बहुत ही दयनीय थी। हर जगह कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता था। गाँव की अधिकतर गली-नालियों का जीर्णोद्धार उनके ही कार्यकाल में हुआ था। उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि जो रही वह है बुस्टिंग स्टेशन जिसका निर्माण बाबा बख्शु शाह धाम के पास करवाया गया था। इस बुस्टिंग स्टेशन के बन जाने से गाँव के उत्तरी इलाके में बाबा बख्शु शाह धाम के आस-पास रहने वाले ग्रामीणों की सालों से चली आ रही पेयजल समस्या का समाधान हो गया था।
ग्राम सभा की मीटिंग में भाग लेती लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी। |
वर्ष 2005 से 2010 तक लोहारी राघो में कुछ यूं चला विकास कार्यों का सिलसिला
पिछले 50 साल से गाँव की कच्ची गलियों को पक्का करवाया और सबसे अहम गाँव के मध्य स्थित मुख्य बाजार को सीसी रोड बनाया। 41 बीपीएल परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट उपलब्ध करवाए गए। बीसीए के 36 परिवारों को भी प्लाट उपलब्ध करवाए गए। बीपीएल परिवारों को अलाट किए गए प्लाटों में सड़क के बराबर मिट्टी की भर्ती करके पक्का बनाया गया। गाँव में सांसी समाज के लिए नई चौपाल का निर्माण करवाया गया और सभी चौपालों की मुरम्मत करवाई गई। इसके अलावा सरकारी स्कूल में भवन की मुरम्मत करवाई गई, विद्यालय में जर्जर हो चुकी छतों का पुनर्निमाण तथा कमरों की सफेदी का कार्य करवाया गया। इसके साथ ही गाँव में एससी समाज के लिए दो सुलभ शौचालयों का निर्माण भी करवाया गया। अप्रैल 2005 से अप्रैल 2010 तक गाँव में लगभग सवा करोड़ के विकास कार्य करवाए गए।
ग्राम पंचायत के साथ-साथ निभाई पारिवारिक जिम्मेदारियां, सरपंच रहते हुए भी बैलगाड़ी से जाती थी खेत
किसान परिवार में जन्मे सुरेश सैनी नारनौंद तहसील में स्टांप विक्रेता भी हैं। परिवार का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है। जब वर्ष 2005 में सुदेश सैनी को गाँव लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच चुना गया था तो सरपंच पद पर रहते हुए भी उन्होंने ग्राम पंचायत के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी बाखूबी निर्वहन किया। सरपंच पद पर रहते हुए भी सुदेश सैनी अकसर बैलगाड़ी लेकर खेत में जाते हुए दिखाई देती थी। महिला सशक्तिकरण की इससे बड़ी मिसाल शायद ही कहीं देखने को मिले। फिलहाल लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी अपने परिवार, खेत-खलिहान व पोते-पोतियों में व्यस्त हैं। इनके दो बेटे व एक बेटी हैं। एक बेटा मनोज निजी कंपनी में कार्यरत है तो दूसरे बेटे गोबिंद एलएलबी की पढ़ाई के साथ-साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में प्रैक्टिस कर रहे हैं। बेटी कुसूम विवाह उपरांत अपने ससुराल में है।
भविष्य में सरपंच चुनाव लड़ने का कोई ईरादा नहीं
गाँव लोहारी राघो की पहली महिला सरपंच सुदेश सैनी के पति सुरेश सैनी का कहना है कि उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल में गांव में बेततरतीब विकास कार्य करवाए हैं जो एक मिसाल है। सैंसी बिरादरी के लिए नई चौपाल के निर्माण के साथ-साथ सभी चौपालों की मुरम्मत करवाई गई। अपने कार्यकाल के दौरान गांव में सभी बिरादरी के लोगों के साथ भाईचारा कायम रखा। वे बताते हैं कि भविष्य में सरपंच चुनाव लड़ने का कोई ईरादा नहीं है।
जानें लोहारी राघो के अब तक के सरपंचों के बारे में (1952-2022)
- 1952-55 सुधन सैनी
- 1955-58 रत्तन चंद चावला
- 1958-61 रत्तन चंद चावला
- 1961-64 रत्तन चंद चावला
- 1964-69 रत्तन चंद चावला
- 1969-71 रत्तन चंद चावला
- 1971-77 महेश भ्याना
- 1977-82 महेश भ्याना
- 1982-87 महेश भ्याना
- 1987-1989 लाजपत भ्याणा
- 1989-1990 प्यारेलाल चावला
- 1990-1991 विनोद भ्याणा
- 1991-1994 विनोद भ्याणा
- 1994-1999 अजीत सिंह
- 1999-2006 ध्यान सिंह
- 2006-2011 सुदेश सैनी
- 2011-2016 ओमप्रकाश वाल्मीकि
- 2016-2022 चंद्रकांता चांदना
- 2022 ...... सोनू सरोहा
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